फिर गरमाया शिक्षक संघ के चुनाव न होने का मुद्दा,सोहन सिंह माजिला का आरोप,चुनाव को बाधित करने को लेकर कुछ लोग कोर्ट जाने की कर रहे हैं बात

देहरादून। उत्तराखंड राजकीय शिक्षक संघ चुनाव ना होने का मामला जहां तूल पकड़ता जा रहा है,तो वही हाई कोर्ट में भी चुनाव न कराए जाने की याचिका डाले जाने की बात सामने आ रही है, जिसको लेकर अब राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय महामंत्री सोहन सिंह माजिला का कहना है, कि राजकीय शिक्षक संघ को 1979 की नियमावली के अनुसार मान्यता प्राप्त है, नियमावली के अनुरूप संगठन का संविधान प्रख्यापित है, संविधान में सदस्यता व निर्वाचन की प्रकिया दी गई है। निदेशालय द्वारा संगठन की नियमावली की व्यवस्था के अनुरूप चुनाव हेतु 31 मई 2022 तक शुल्क जमा करने वाले शिक्षकों की सूचना मांगी गई है, जो मेरे द्वारा 24 अगस्त 2022 को निदेशक, सचिव शिक्षा, सचिव कार्मिक को उपलब्ध कराई जा चुकी है, पुनः निदेशालय के पत्र 25 मार्च 2023 के क्रम में पुनः प्रमाण सहित भेज दी है। फिर भी चुनाव बाधित करने के लिए कोई उच्च न्यायालय जाता है। तो संगठन सही व प्रमाणिक तथ्य न्यायालय में भी रखगेगा। विभागीय अधिकारियों द्वारा भी नियमानुसार चुनाव कराने के लिए लगातार निर्देश दिए गए है। संगठन को बचाने के लिए लगतार गलत आरोपों का सहन करते हुए संघ को जीवित रखा है। विभाग द्वारा 31मई 2022 तक की सदस्यता जमा करने वाले शिक्षको की सूची मांगी गई है, प्रांतीय स्तर पर मात्र 4 जनपद के द्वारा 31 मई 2022 तक सदस्यता शुल्क जमा किया गया है ।

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