झारखंड मॉडल को त्रिवेंद्र सरकार ने अपनाया,तो प्रदेश में लॉक के बावजूद छात्रों को आसानी से मिल जाएंगी पुस्तकें

देहरादून । लॉक डाउन के चलते जहां उत्तराखंड के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, और स्कूल में पढ़ाई नहीं हो पा रही है । वही ऑनलाइन क्लास के माध्यम से छात्र नए शैक्षणिक सत्र की पढ़ाई भी कर रहे हैं, लेकिन बिना कॉफी और किताब के कैसे पढ़ाई संभव होगी यह भी छात्रों के सामने असमंजस की स्थिति बनी हुई है । क्योंकि बिना किताब के छात्र पढ़ाई तो जरूर कर रहे हैं लेकिन सिलेबस के हिसाब से नहीं,ऐसे में अगर झारखंड सरकार के मॉडल को उत्तराखंड सरकार अपना लें तो छात्रों को आसानी से पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगे,और यह मॉडल प्राइवेट स्कूलों के साथ सरकारी स्कूलों में भी अपनाया जाए तो सभी छात्रों को प्रदेश में पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगी । दरअसल झारखंड सरकार ने अपने यहां प्राइवेट स्कूलों के माध्यम से छात्रों को पुस्तक उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है । जिसके तहत कुछ स्कूलों को चिन्हित किया गया है, स्कूलों में के किस दिन किस क्लॉस की पुस्तकें स्कूल से छात्रों को उपलब्ध होंगी,यह तय किया गया है। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है । अगर इसी मॉडल को उत्तराखंड सरकार प्राइवेट स्कूलों के साथ सरकारी स्कूलों में भी अपनाएं तो प्रदेश के सभी छात्रों को नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगी और छात्र ऑनलाइन पढ़ाई के साथ पुस्तकों से भी पढ़ाई घर बैठे कर सकेंगे। लेकिन ये तभी सम्भव है जब सरकार पूरी तैयारी के साथ इसे करे,क्योंकि प्राइवेट स्कूल तो आसानी से छात्रों को पुस्तक उपलब्ध करा देंगे,लेकिन सरकारी स्कूलों में कठनाई आएगी। खैर देखना ये होगा कि अगर वास्तव में प्रदेश में 3 मई के बाद लॉक डाउन बढ़ता है तो क्या सरकार इस फार्मूले पर काम करेगी।

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