शिक्षा मंत्री की सहमति को नहीं मानते शिक्षा विभाग के अधिकारी,शिक्षक संगठन ने कठोर निर्णय लेने की कही बात

देहरादून। 4 अगस्त को शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के द्वारा राजकीय शिक्षक संगठन के साथ शिक्षकों की मांग को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की गई थी, जिसमें कई बिंदुओं पर शिक्षा मंत्री के द्वारा सहमति भी जताई गई थी,वहीं बैठक में शिक्षा सचिव से लेकर शिक्षा महानिदेशक और विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे,लेकिन विडंबना यह है कि आज तक शिक्षा विभाग मिनट्स बैठक को लेकर जारी नहीं कर पाया है, जिसको लेकर शिक्षक संगठन में फिर से आक्रोश देखने को मिल रहा है,तो वही यात्रा अवकाश को बहाल करने पर सहमति शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दे दी थी, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के द्वारा भी शिक्षकों को यात्रा अवकाश दिए जाने पर सहमति व्यक्त की गई है, लेकिन शिक्षक संगठन का मानना है कि विभागीय अधिकारी शिक्षकों को यात्रा अवकाश देने में अड़चन पैदा करने का काम कर रहे हैं, जो की सही नहीं है। राजकीय शिक्षक संगठन के अध्यक्ष राम सिंह चौहान का कहना है कि 4 अगस्त को हुई बैठक में शिक्षा मंत्री के द्वारा आश्वासन दिया गया था, कि शिक्षकों की यात्रा अवकाश बहाल किए जाएंगे,यानी की शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अपनी सहमति दे दी थी,कि शिक्षकों को यात्रा अवकाश दिए जाएंगे।  वही शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी का भी इसको लेकर सकारात्मक रूप शिक्षकों के प्रति है, लेकिन विभागीय अधिकारी मामले को घुमाने का काम कर रहे हैं,जो कि सही नहीं है शिक्षक संगठन के अध्यक्ष होने के नाते वह विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यदि यात्रा अवकाश जल्द बहाल करने का आदेश जारी नहीं हुआ तो शिक्षक संगठन कठोर निर्णय लेने को बाध्य होगा,जिसकी जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की होगी। जब उच्च शिक्षा विभाग में यात्रा अवकाश दिया जा रहा है, तो फिर शिक्षकों को क्यों यात्रा अवकाश नहीं दिया जा रहा है।

क्या है यात्रा अवकाश

दरसल शिक्षकों को यात्रा अवकाश पहले साल में एक बार घर आने के लिए दिया जाता था, लेकिन 2018 के लगभग शिक्षकों के मिलने वाले यात्रा अवकाश को बंद कर दिया गया । जिससे शिक्षकों में आक्रोश है। बताया जाता है कि साल में जब एक बार शिक्षक घर जाता था,तो स्कूल से उसके घर की दूरी के मानक के हिसाब से उसे साल में कुछ दिन का अवकाश उपलब्ध होता था।

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