बेटा-बेटी के बीच नही करना चाहिए भेदभाव, समाज को दोनों को देखना चाहिए एक समान नजर से- रेखा आर्या

बच्चों की ज्ञान शक्ति को बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजन होते हैं कारगर साबित-रेखा आर्या

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने विज्ञान धाम(यूकॉस्ट) में प्लान इण्टरनेशन द्वारा आयोजित चिल्ड्रेन क्रिएटिविटी फेस्टिवल में किया प्रतिभाग ,बढ़ाया बच्चों का हौसला

देहरादून। आज प्रदेश की काबीना मंत्री रेखा आर्या विज्ञान धाम(यूकॉस्ट), प्रेमनगर देहरादून पहुंची जहां उन्होंने प्लान इण्टरनेशन द्वारा आयोजित चिल्ड्रेन क्रिएटिविटी फेस्टिवल में 12 राज्यों के बाल प्रतिभागियों के सम्मेलन में प्रतिभाग किया। इस सम्मेलन की शुरूआत 14 जून से हुई थी जिसका की आज समापन हुआ।इस दौरान कार्यक्रम में बच्चों द्वारा विभिन्न जागरूकतापूर्ण प्रस्तुतियां और समाज मे फैली विभिन्न कुप्रथाओं को वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत किया गया, साथ ही मंत्री रेखा आर्या ने इस दौरान बच्चों द्वारा लगाई गई विभिन्न क्रिएटिव प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया।उन्होंने उपस्थित बच्चों के साथ वार्तालाप किया और उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में उनसे जाना।

उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर प्लान इंडिया द्वारा आयोजित यह सम्मेलन बच्चों को सशक्त बनाने और उनकी क्षमता का बेहतर तरीके से निर्माण करने के लिए सकारात्मक प्रयास है।बच्चों की ज्ञान शक्ति को बढ़ाने और समाज मे फैली बुराइयों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए ऐसे आयोजन कारगर साबित होते हैं। वहीं सभी को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आज भी भ्रूणहत्या जैसी बीमारी हमारे समाज मे व्याप्त है।

इसे खत्म करने के लिए हम सबको आगे आना होगा और बेटा-बेटी के बीच किसी प्रकार का भेदभाव ना करते हुए ,दोनों को एक समान नजर से देखना होगा। कहा कि बेटा और बेटी से मिलकर ही मानव समाज का सृजन होता है।इसलिए समाज एवं अभिभावकों का दायित्व है कि वे बेटा बेटी में अंतर नही करें बल्कि दोनों को समान रूप से बढने का अवसर दें।कहा कि बेटियों के शिक्षित होने से समाज के तीन क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।

बेटी मायके, ससुराल पक्षों के साथ ही समाज एवं स्वयं के परिवार को शिक्षित होकर विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा तथा विकास का दायित्व समाज को आगे बढकर निभाना चाहिए।

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