उत्तराखंड बोर्ड की छात्रा को विज्ञान विषय में पहले मिले 28 अंक,लेकिन 400 रुपये खर्च करने के बाद अब मिलेंगें 76 अंक

देहरादून। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर बोर्ड की एक छात्रा के साथ परीक्षा परिणाम में लापरवाही का मामला सामने आया है,लेकिन छात्रा ने उस लापरवाही को लेकर अपने साथ खुद न्याय कर लिया है,जी हां राजकीय इंटर कॉलेज बुल्लावाल देहरादून की दसवीं की छात्रा नेहा मंगाई का जब परीक्षा परिणाम आया तो वह उसको लेकर काफी चकित रह गई,क्योंकि जिस तरीके से उसके पेपर गए थे,उसके हिसाब से उसे हिंदी इंग्लिश, मैथमेटिक्स,सोशल साइंस में नंबर तो मिल गए, लेकिन साइंस में उन्हें उनके हिसाब से वह नंबर नहीं मिल पाए,जिस तरीके से उनका पेपर गया था। दरअसल जब उनका परीक्षा परिणाम जारी हुआ और मार्कशीट उनके पास आई तो विज्ञान विषय में उन्हें लिखित परीक्षा में मात्र 28 अंक हासिल हुए थे। जबकि प्रैक्टिकल के 20 अंक जोड़कर यह 48 बैठ रहे थे। लेकिन सभी विषय में उनके 90 नंबर से ज्यादा अंक हासिल हुए थे मात्र विज्ञान विषय में उन्हें 28 अंक लिखित परीक्षा में मिलने की बात समझ नहीं आ रही थी। इसी के चलते छात्रा ने 400 का शुल्क जमा कर अपनी काफी कि वह फोटो कॉफी मांगी जो उन्होंने लिखित परीक्षा के तहत दी थी.लेकिन जब उन्हें उनकी लिखित परीक्षा की कॉफी की फोटो उपलब्ध बोर्ड के द्वारा कराई गई उसमे उनके 76 नम्बर दर्शाये गए थे,जिससे छात्रा खुश भी है। बताया जा रहा है कि बोर्ड के द्वारा जल्द ही छात्रा को नई मार्कशीट उपलब्ध करा दी जाएगी। जिसन छात्रा को विज्ञान विषय में जो कम नंबर मिले थे उसमें उन्हें 76 नंबर पूरे मिलेंगे। 

बोर्ड ने बिठाई जांच, मंत्री ने कही कार्रवाई की बात

वही पूरा मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर बोर्ड ने इसकी जांच बिठा दी है,तो वहीं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि जिसकी भी इसमें गलती पाई जाएगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अपने आप में यह पहली बना हुआ है कि आखिरकार जिस छात्रा को 80 में से 76 नंबर विज्ञान विषय में मिलने चाहिए थी,उसके कैसे पहले 28 नंबर कैसे आ गए।

बोर्ड सचिव ने स्थिति की स्पष्ट

वहीं उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर की सचिव नीता तिवारी का कहना है कि इसमें बोर्ड की तरफ से कोई गलती नहीं हुई है, बल्कि जिस शिक्षक के द्वारा यह काफी चेक की गई उसके स्तर से यह लापरवाही हुई है,उन्होंने कॉपी जांचने में छात्रा को नंबर तो मूल्यांकन के हिसाब से सही दिए,लेकिन ओएमआर सीट जो बोर्ड के पास पहुंचती है,उसमे नम्बर कम दर्शा दिए। बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसकी जांच लगभग पूरी कर ली है जांच पूरी करने के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति भी बोर्ड शिक्षा विभाग को भेजेगा। जहां तक छात्रा की बात है तो छात्रा के साथ कोई अन्याय नहीं होगा और छात्रा को जल्द ही नई मार्कशीट उपलब्ध करा दी जाएगी।

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