उत्तराखंड : सालम क्रांति के शहीदों को सीएम ने किया नमन,शहीद स्मारक बनाए जाने की घोषणा

देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सालम क्रांति के शहीदों को नमन करते हुए शहीदों के सम्मान में सालम में शहीद स्मारक बनाये जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के लिए 25 अगस्त 1942 को जैंती में शहीद हुए उत्तराखण्ड के वीर सपूतों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने अपने सीने पर गोली खाई और प्राणों की आहुती देकर मातृभूमि का कर्ज चुकाया है।

शहीदों ने दिया था बलिदान

आजादी के आंदोलन में सालम क्षेत्र के क्रांतिवीरों का योगदान स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। 25 अगस्त 1942  के दिन आजादी की लड़ाई के दौरान जैंती के धामद्यो में ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेते हुए चौकुना गांव निवासी नर सिंह धानक और कांडे निवासी टीका सिंह कन्याल शहीद हो गए थे। ब्रिटिशों ने सालम के क्रांतिवीरों का मनोबल गिराने के लिए आजादी के नायक प्रताप सिंह बोरा, मर्चू राम, डिकर सिंह धानक, उत्तम सिंह बिष्ट, राम सिंह आजाद, केशर सिंह आदि क्रांतिकारियों को जेलों में ठूंस दिया था। क्रांतिकारियों के गांव कांडे, थामथोली, मझाऊं, सैनोली, दाड़िमी, चौकुना, बरम, नौगांव आदि में महिलाओं, बच्चों को अनेक यातनाएं दी गई। इसके बावजूद क्रांतिकारियों में देश प्रेम का जज्बा कमजोर नहीं हुआ। गांव-गांव क्रांतिवीरों की सभाएं होने लगीं और आंदोलन तेज हो गया। 25 अगस्त 1942 को सालम के कई गांवों के क्रांतिकारी जैंती पहुंचे। आंदोलनकारियों और ब्रिटिश सेना के बीच झड़प हुई। इस झड़प के बाद नर सिंह धानक और टीका सिंह कन्याल ब्रिटिश सेना की गोली से शहीद हो गए। 

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