उत्तराखंड : सरकार के द्वारा महंगाई भत्ते में कटौति किए जाने से कर्मचारी संगठनों में दोहरी राय,कुछ सरकार के साथ कुछ हुए नाराज

देहरादून। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार के द्धारा केंद्र सरकार की तर्ज पर कर्मचारियों के बढ़ाएं जाने वाले महंगाई भत्ते को जून 2021 तक रोकने के आदेश जारी कर दिए है। यानी उत्तराखंड में कर्मचारियों को बढ़ाए जाने वाले 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ नहीं मिल पाएगा। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों और कर्मचारी संगठनों में अलग – अलग राय देखने को मिल रही है। कुछ कर्मचारी संगठन और कर्मचारी सरकार के इस फैसले को लेकर सरकार के साथ है खड़े होने की बात कर रहे है तो कुछ कर्मचरियों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ रोष भी व्यक्त किया है। राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद ने तो फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री से वार्ता कर फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर दी ह,ै तो सरकार के फैसले को बिना कर्मचारी संगठनों की राय लिए बगैर लिए जाने को उचित नहीं ठहराया है। यहां तक कि बढ़े हुए भत्ते की राशी को मुख्यमंत्री राहत कोष या पीएम राहत कोष में जमा न कर सरकार ने अपने पास रखे जाने पर भी चिंता व्यक्त कि है। वहीं राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद ने सरकार को कई उपाय सुझाएं है कि सरकार के पास कई रास्ते थे जिससे सरकार खर्चो में कटौति कर आय जुटा सकती थी,लेकिन सरकार ने उन उपायों को छोड़ कर कर्मचारियों के बढ़े हुए डीए में कटौति करने का निर्णय लिया है।

जनरल ओबीसी मोर्चा और सचिवालय संघ सरकार के साथ

राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद ने जहां 4 प्रतिशत बढाएं जाने वाले महंगाई भत्ते में कटौति को लेकर रोष व्यक्त किया है वहीं जनरल ओबीसी मोर्चा और संचिवालय संघ ने सरकार के फैसले के साथ खड़े होने की बात कही है। जनरल ओबीसी मोर्चा और संचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना है कि सरकार ने जो फैसला लिया उस फैसले के साथ वह सरकार के साथ है। लेकिन प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार को प्रपोजल भेजकर कर्मचारियों को आयकर से छूट देनी चाहिए।

विधायकों के वेतन में भी की गई है कटौति – कौशिक

कुछ कर्मचारी संगठन और कर्मचारियों के द्धारा 4 प्रतिशत बढाएं जाने वाले महंगाई भत्ते में कटौति को लेकर सरकार पर सवाल उठाएं जाने पर शासकीय प्रवक्त मदन कौशिक का कहना है कि सरकार ने ऐसा नहीं है कि केवल कर्मचारियों के बढ़ाएं जाने वाले महंगाई भत्ते में कटौति की है। सरकार ने सभी विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौति और विधायक निधि में कटौति की है। मदन कौशिक का कहना है कि ये समय ऐसा नहीं है कि किसी फैसले पर रोष व्यक्त किया जाएं, ये समय महामारी से लड़ने का है इसलिए सरकार जो भी फैसले ल रही है सभी को उन फैसलों के साथ होना चाहिए। 

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