उत्तराखंड: सेवानिवृत्त शिक्षक हेमन्त बिष्ट के बिना नहीं होते बड़े सरकारी कार्यक्रम,पीएम के कार्यक्रमों से भी है गहरा नाता

देहरादून। उत्तराखंड के ऐसे रिटायर शिक्षक की कहानी हम आज आपको बताने जा रहे हैं, जो सेवानिवृत्त होने के बाद भी अपनी सेवाएं समाज को दे रहे हैं, जी हां हम बात कर रहे हैं सेवानिवृत्त शिक्षक हेमंत बिष्ट की जो अपनी मधुर वाणी को लेकर इतनी पहचान बना चुके हैं,कि उत्तराखंड में यदि कोई भी सरकारी बड़ा कार्यक्रम का आयोजन होता है तो उनके संचालन के बिना नहीं होता है,उत्तराखंड में यदि 15 अगस्त या 26 जनवरी का जो भी राज्य स्तरीय कार्यक्रम होता है हेमन्त बिष्ट के मंच संचालन के बिना नहीं होता है । कई सालों से हेमंत बिष्ट 15 अगस्त और 26 जनवरी पर होने वाले प्रदेश स्तरीय कार्यक्रमों में मंच संचालन करते हैं। इस बार भी 26 जनवरी को परेड ग्राउंड में आयोजित हुए कार्यक्रम में उन्हीं के द्वारा मंच संचालन किया गया। हेमंत बिष्ट की आवाज में वो जादू है जो हर किसी सुनने वाले को उनका कायल बना देती है। कुशल वाणी और कुशल वाकपटुता के हेमन्त बिष्ट धनी हैं। हेमंत बिष्ट जब भी मंच संचालन करते हैं तो हर कोई उनके मुख से निकलने वाले शब्द को सुनने के लिए लालायित रहता है,साथ ही उनकी आवाज में जो मधुरता है वह उन्हें और भी खास बना देती है। हेमंत बिष्ट पिछले 25 सालों से मंच संचालन करते आए है। उत्तराखंड बनने के बाद से 15 अगस्त और 26 जनवरी को परेड ग्राउंड में होने वाले प्रदेश स्तरीय कार्यक्रमों में हेमंत बिष्ट ही संचालन करते हैं । वही राजभवन में होने वाले बसंत उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन भी हेमंत के द्वारा ही किया जाता है। यही नहीं हेमंत बिष्ट के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड आगमन पर होने वाले बड़े कार्यक्रमों का भी संचालन किया जाता है, अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे तब भी हेमंत बिष्ट के द्वारा ही कार्यक्रम का संचालन किया गया था। तो वहीं केदारनाथ में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे और जनता को उन्होंने संबोधित किया था तो उस कार्यक्रम का भी मंच संचालन हेमंत बिष्ट के द्वारा ही किया गया था। पेशे से शिक्षक हेमंत बिष्ट के दिलचस्पी केवल मंच संचालन में ही नहीं रही है कॉमेंट्री करने में भी उनकी दिलचस्पी रही है औली में हुई चैंपियनशिप के भी वह कमेंट्री कर चुके हैं । जबकि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच रायपुर क्रिकेट स्टेडियम में उद्घाटन मैत्री मैच की कॉमेडी और संचालन भी उनके द्वारा किया गया है। ऋषिकेश में होने वाले योग महोत्सव कार्यक्रम का हर बार हेमंत बिष्ट के द्वारा ही संचालन किया जाता रहा है। जबकि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर होने वाले अधिकतर कार्यक्रमों का संचालन भी हेमंत बिष्ट के द्वारा ही किया जाता है। आपको बता दें कि हेमंत बिष्ट बायोलॉजी के शिक्षक रहे हैं लेकिन उनकी दिलचस्पी लिखने में भी रही है। उत्तराखंड का राज्य गीत भी हेमंत बिष्ट के द्वारा ही लिखा गया है, जबकि उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा उत्तराखंड के पोषण गीत बनाया गया है वह भी हेमंत बिष्ट के द्वारा ही लिखा गया है। हेमंत बिष्ट की तमाम वह उपलब्धियां जो उनको एक शिक्षक के साथ सामाजिक जीवन के रूप में खास बनाती हैं। लेकिन एक और हर उपलब्धि हेमंत बिष्ट को अन्य शिक्षकों रूप में खास बनाती है। जी हां वह शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों भी सम्मान प्राप्त कर चुके है, 2003 में शिक्षक दिवस पर हेमंत बिष्ट को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिला है। आपको बता दें कि जीआईसी नैनीताल से 2019 में हेमंत बिष्ट सेवानिवृत्त हो गए हैं लेकिन समाज के प्रति अभी भी वह अपनी जिम्मेदारी को निभा रहे हैं।

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