उत्तराखंड : 92 करोड़ के वर्चुवल क्लॉस रूम प्रोजेक्ट में तकनीकी दिक्कत,सीएम ने लगाई फटकार

देहरादून । प्रधानमंत्री मोदी की आत्मनिर्भर भारत योजना को प्रदेश में प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार प्रयास कर रहे है जिसके तहत आज मुख्यमंत्री ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ देहरादून के नवोदय विद्यालय नानुरखेड़ा से वर्चुअल क्लॉसेज के माध्यम से ई संवाद स्थापित किया, लेकिन आज के इस अहम प्रोग्राम में शिस्टम की पोल खोल दी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के कई जिलों के पंचायत प्रतिनिधियों से जुड़ने का प्रयास किया लेकिन सिस्टम की गड़बड़ी के कारण प्रोग्राम सफल नही हो पाया. पहले चमोली के टंगसा स्कूल को जोड़ा, फिर GIC जोशीमठ को वहाँ दोनो जगह संवाद नहीं हो पाया तो फिर पौड़ी ज़िले के GIC रिखणीखाल में संपर्क किया गया. वहाँ भी कनेक्ट नहीं हो सका।

मुख्यमंत्री ने लगाई फटकार

जिस पर मुख्यमंत्री ने सचिव समेत तमाम अधिकारियों की फटकार भी लगाई, वंही इस सम्बन्ध में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम ने सफाई देते हुए कहा तकनीकी खराबी के कारण ई-संवाद में दिक्कत आयी है, जबकि पिछले 3 दिनों से इसका ट्रायल सफलता पूर्व हुआ है यंही से ऑन लाईन शिक्षा के लिए शिक्षकों से वर्चुअल क्लॉसेज चलती है. इधर इस मामले में अब NIC को तकनीकी पहलुओं की जाँच करने को कहा गया है.

शिक्षा सचिव ने दी सफाई

सचिव शिक्षा मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि ये तकनीकी मामला है इसलिए इस मामले में NIC को जाँच करने के लिए कहा जाएगा. आपको बता दें कि वर्चुअल क्लास को लेकर प्रदेश के 450 स्कूलों में राज्य सरकार ने लगभग 92 करोड़ रुपए की लागत से यह बड़ी योजना लोंच की लेकिन ऐन मौक़े पर इस सिस्टम का काम न करना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है.सवाल इस बात का भी है जब प्रदेश के मुखिया के ई संवाद में भी तकनीकि दिक्कत आ सकती है तो फिर अंदाज लगाया जा सकता है कि जब छात्रों को इससे पढ़ाया जा सकता है तो फिर तकनीकी दिक्कत आती भी होगी उजागर तो हो नहीं सकती ।

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