वीरों की भूमि के साथ सैन्य उपकरणों की भूमि के रूप में पहचान बनाएगा उत्तराखंड,कैबिनेट ने रक्षा औद्योगिक नीति पर लगाई मुहर
देहरादून। उत्तराखंड त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक में जहां कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है,वहीं उत्तराखंड एरोस्पेस और रक्षा अद्यौगिक नीति 2020 पर भी त्रिवेंद्र कैबिनेट नेें मुहर लगी है। जिसे वीरों की भूमि उत्तराखंड में 3 सेनाओं के हथियार के साथ सभी सेनाओं के हथियार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। यूं तो उत्तराखंड को वीरो की भूमि कहा जाता है,उत्तराखंड के जवानों के पराक्रम से हर कोई परिचित है। लेकिन अब उत्तराखंड में बने रक्षा उपकरणों से भी हर कोई परिचित हो जाएगा। जी हां जल्द ही उत्तराखंड में 3 सेनाओं के उपकरण बनने लगेंगे। जिसके लिए सैन्य उपकरणों को बनाने वाली कंपनियों के लिए सरकार ने निति को मंजूरी दे दी है। मेक इन इंडिया के तहत एरोस्पेस एवं रक्षा उद्योग में डिजाइनिंग ,परीक्षण,निर्माण सौंय यानों,मिसाइल युक्त एरोस्पेस यानों,रक्षा प्रणाली की इकाईयां स्थापित की जाएंगी। खास बात ये है कि रक्षा उपकरण बनाने वाली कम्पनियों को उत्तराखंड में उद्योग स्थापित करने के लिए त्रिवेंद्र सरकार वित्तीय प्रोत्साहन राशी भी देगी,जिसके तहत 100 करोड़ का प्रोजक्ट लगाने वाली रक्षा अद्यौगिकी ईकाई को सरकार 3 सालों तक हर साल 10 करोड़ रूपये की सब्सीडी देगी। साथ ही सरकार भूमि अनुदान और भुमि अधिग्रहण में छूट भी देगी। उत्तराखंड में रक्षा उपकण कम्पनियों के स्थापित होने से उत्तराखंड के युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। खास बात ये है कि डिफेंस पार्क भी डेवलप किए जाने की कार्ययोजना सरकार की है।