उत्तराखंड : महिला पुलिसकर्मी को सलाम,लॉक डाउन के बीच ड्यूटी के खातिर बाइक में नैनीताल से दून पहुंची चंपा

देहरादून। कोरोनावायरस कोविड-19 का खतरा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में इस खतरे से निपटने के लिए मेडिकल और पुलिस टीम का योगदान किसी से भी छिपा नहीं है। अब तक पुलिस की सड़को पर मुस्तेदी के साथ ड्यूटी करने की तस्वीरें आपने देखी होगी। जिसमें वह लोगों को घर में रहने का संदेश दे रही है । नियमों को ना मानने वालों को नियमों का ज्ञान दे रही है। लेकिन पुलिस की एक ऐसी तस्वीर भी है जो पर्दे के सामने नहीं बल्कि पर्दे के पीछे है। इनका समर्पण ऐसा है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी में यह अपने घर को छोड़कर सिर्फ अपने फर्ज को निभा रहे हैं।

बीमार पिता को छोड़कर जनता की सेवा को प्राथमिकता

उत्तराखंड पुलिस की एक ऐसी महिला पुलिसकर्मी की कहानी हम आपको बता रहे हैं। जिनके पिता ब्लड शुगर के गंभीर मरीज हैं उनका शरीर पैरालिसिस से ग्रसित है। ज्यादा तबियत खराब होने के चलते डॉक्टर्स को उनका एक पाँव भी काटना पड़ा है। पिता की इतनी ज्यादा तबीयत खराब होने के बावजूद यह बेटी पुलिस कंट्रोल रूम में अपनी ड्यूटी निभा रही है। दिन-रात प्रदेश के लोगों को कोरोनावायरस से संबंधित समस्याओं में मदद कर रही है।

बाइक में 8 घण्टे में तय किया सफर

उत्तराखंड पुलिस के डायल 112 पुलिस कंट्रोल रूम में चंपा मेहरा कार्यरत हैं। चंपा मेहरा 2016 बैच की पुलिसकर्मी हैं। पिछले दिनों यह पिता की तीमारदारी के लिए अपने घर नैनीताल पहुंची थी। गंभीर हालत में पिता को छोड़ कर इन्हें अपना फर्ज निभाने देहरादून आना पड़ा क्योंकि यह जानती थी कि प्रदेश के लोगों के प्रति उनका जो दायित्व है। उसे निभाना ज्यादा जरूरी है नैनीताल से देहरादून करीब साढे 300 किलोमीटर का सफर लॉकडाउन के चलते इन्होंने अपनी मोटरसाइकिल से तय किया। जरा सोचिए साडे 300 किलोमीटर का सफर एक महिला मोटरसाइकिल में तय करेगी तो उसके लिए कितना चुनौतियों भरा होगा। लॉक डाउन के चलते जब वाहन न मिला तो चंपा मेहरा ने बाईक में ही सफर तय करने की सोची और महज 8 घण्टे में नैनीताल से देहरादून की दूरी तय कर ली। न रास्ते मे कुछ खाया क्योंकि लॉक डाउन के चलते सभी होटल और ढाबे भी बंद थे ।

जनता की सम्याओं को सुन रही है चंपा

कोरोना वायरस के खतरे के समय किसी भी सरकारी कर्मचारी के लिए छुट्टी लेना बहुत आसान है। परिवार में इतनी मुसीबतें आने के बाद भी चंपा मेहरा अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद है । जिससे यह पता चलता है कि फर्ज के लिए लोग कितने समर्पित होते हैं। आपको बता दें कि देहरादून डायल 112 का कंट्रोल रूम है जिससे प्रदेश भर से लोग पुलिस को अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं अपराध एवं कानून व्यवस्था हो या सड़क दुर्घटना की समस्या रोजाना हजारों कॉल इस कंट्रोल रूम में आती हैं। इन दिनों कोरोनावायरस से जुड़ी हजारों काल भी यहां आ रही हैं।

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