कब होंगे अंतरमंडलीय स्थानांतरण और पदोन्नतियां,शिक्षकों ने जताई निराशा

देहरादून। डॉ० अंकित जोशी की अध्यक्षता में आयोजित एक ऑनलाइन शैक्षिक उन्नयन गोष्ठी में अंतरमंडलीय स्थानांतरण और पदोन्नति के मुद्दे छाये रहे । अंतरमंडलीय शिक्षकों का मानना है कि शिक्षकों द्वारा इस वर्ष माध्यमिक स्तर पर धारा -27 में अंतरमंडलीय के अंर्तगत आमंत्रित दो श्रेणियों ‘दो कार्मिकों के मध्य विवाह’ और ‘विकास योजनाओं हेतु परिसंपत्ति अधिग्रहण’ को दिनांक 10 मई 2023 के शासन के स्थानांतरण संबंधी पत्र के बिंदु 5 के धारा 17(२ङ) का स्पष्ट उल्लेख कर अनुमति प्रदान की गई है। जिसका संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय द्वारा 31 मई को प्रारंभिक शिक्षा में 17(2ङ) से आच्छादित कर्मियों से आवेदन भी मंगवाए गए , जबकि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा इस बाबत कोई पत्र आज तक जारी नहीं किया गया है । जिस कारण माध्यमिक के अंतरमंडलीय शिक्षक इस अनुमति का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं । 17(2ङ) से आच्छादित कतिपय शिक्षकों द्वारा अंतरमंडलीय स्थानांतरण हेतु आवेदन तो किया गया किंतु विभागीय स्तर से इस संबंध में स्पष्ट निर्देशों के अभाव में उनके आवेदन बीईओ ऑफिस या सीईओ ऑफिस तक ही पहुँच पाये हैं । धारा 17(२ङ) में उल्लिखित दो कारणों ‘दो कार्मिकों के मध्य विवाह’ और ‘विकास योजनाओं हेतु परिसंपत्ति अधिग्रहण’ के नियम से आच्छादित शिक्षकों के संवर्ग परिवर्तन की राह शासन से खुलने के बावजूद विभाग द्वारा गंभीरता से संज्ञान न लेने पर शिक्षकों में निराशा का भाव है। अंतरमंडलीय शिक्षकों का मानना है कि पारस्परिक स्थानांतरण से पहले या उसके साथ यह सूची भी निर्गत हो ।

 

वहीं पदोन्नति के मामले में शिक्षकों का मानना था कि माननीय उच्च न्यायालय में वाद लंबित होने के बहाने भर से विभाग पदोन्नतियों के संबंध में निर्णय लेने से बच नहीं सकता । अधिकतर शिक्षकों का मानना था कि ऐसा कौन से विभाग है जहां के मामले माननीय उच्च न्यायालय में नहीं हैं लेकिन शिक्षा विभाग ही एकमात्र ऐसा विभाग है जहां विभागीय अधिकारी माननीय उच्च न्यायालय का बहाना बना कर एलटी से प्रवक्ता व प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति नहीं कर रहे हैं । शिक्षकों का मानना है कि विभाग को अपने स्तर पर नियमानुसार निर्णय लेते हुए शिक्षकों की पदोन्नति की राह खोलनी चाहिए । पदोन्नति के अभाव में कतिपय शिक्षक इतनी निराशा से भर गए कि उन्होंने यहां तक कहा कि वे अपने बच्चों को कभी भी राजकीय शिक्षक बनने के लिए प्रेरित नहीं करेंगे जहां 30-35 वर्षों तक व्यक्ति एक ही पद कर कार्य करते हुए सेवानिवृत्त हो रहे हैं । इस गोष्ठी में योगिता पंत, विपुल सकलानी, कमलेश सती, विनय आदि उपस्थित थे ।

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