उत्तराखंड में किन शर्तों के साथ खुलेंगे,स्कूल मुख्य सचिव ने गाइड लाइन की जारी

देहरादून। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र कैबिनेट ने 8 फरवरी से कक्षा 6 से 8 और 9 से 11 की कक्षाओं को संचालित करने का निर्णय लिया है जिसके तहत 8 फरवरी से प्रदेश में सभी बोर्डों के स्कूल कक्षा 6 से 8 और 9 वी 11वीं के लिए खुल जाएंगे। आपको बता दें कि 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए स्कूल पहले से ही खुले हैं । लेकिन अब कक्षा 6 से 8 और 9 और ग्यारहवीं के छात्रों के लिए स्कूल खोले जाने को लेकर कैबिनेट की अनुमति के बाद मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने s.o.p. जारी कर दी है । जिसके तहत विद्यालय खोले जाने से पूर्व पूरी तरीके से स्कूल सैनिटाइज किए जाने की प्रक्रिया प्रत्येक पाली के उपरांत नियमित रूप से सुनिश्चित किए जाने की बात कही गई है।

वहीं विद्यालय में सैनिटाइजर एंडवास, थर्मल स्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी विद्यार्थी या शिक्षक या अन्य कार्मिकों खांसी जुकाम बुखार के लक्षण हो तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर वापस भेजे जाने की भी बात s.o.p. में कही गई है । प्रत्येक विद्यालय में कोविड-19 के संक्रमण की दृष्टि से संबंधित विद्यालय द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा जो सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड-19 संबंधी दिशा निर्देशों के पालन हेतु उत्तरदाई होगा । यदि विद्यालय के छात्रों अध्यापकों एवं अन्य की स्थिति उत्पन्न होती है तो जिला प्रशासन को सूचित किए जाने की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की होगी।

प्रत्येक जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वे अपने जनपद के अंतर्गत ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे जिससे दिन प्रतिदिन होने वाले से संबंधित सूचनाएं प्राप्त करें एवं जिला प्रशासन उच्च अधिकारी को सूचित करने में सुविधा विद्यार्थियों को हैंड वॉस हैंड सैनिटाइजर कराने के पश्चात ही विद्यालय में प्रवेश दिया जाएगा । यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि विद्यार्थी के ममास्क धारण करने के उपरांत ही विद्यालय में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी । विद्यालय में प्रवेश के समय तथा छुट्टी के मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए,तथा एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी ना कर लग-अलग कक्षाओं के समय निर्धारित विद्यालय में अधिक से अधिक प्रवेश द्वार हैं तो उनका उपयोग सुनिश्चित किया जाए।

विद्यार्थीयो के स्कूल में आते जाते समय शोशल का पालन कराया जाए तथा वाहनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन का  कराया जाए

 

जिन विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पठन पाठन की सुविधा उपलब्ध नहीं है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर विद्यालय बुलाया जाए तथा कोई विद्यार्थी ऑनलाइन अध्ययन करना चाहता है तो उसे सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संबंधित विद्यालय की होगी . विद्यालय को उनके माता-पिता व की लिखित सहमति के उपरांत पठन-पाठन हेतु भौतिक रूप से विद्यालय में उपस्थित होगी।  वही बोर्डिंग स्कूलों की भी s&op जारी कर दी गई जो इस प्रकार है।

 

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