उत्तराखंड के 21 IAS और 5 PCS अधिकारियों को निर्वाचन आयोग का बुलावा,कल हर हाल में निर्वाचन आयोग के समक्ष देनी होगी हाजिर

देहरादून । पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में उत्तराखंड के 21 आईएएस और पांच आईपीएस अफसर भी बतौर पर्यवेक्षक तैनात होंगे। अफसरों के  नामों की सूची जारी हो गई है। जानकारी के अनुसार, तीन मार्च को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में निर्वाचन आयोग ब्रीफिंग करेगा, जिसमें शामिल न होने वाले अफसरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी एसए मुरुगेशन ने बताया कि असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों के नाम भी तय कर दिए हैं। चुनावों में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में उत्तराखंड के 21 आईएएस और पांच आईपीएस अधिकारियों को नामित किया गया है, जिनकी तीन मार्च को नई दिल्ली में ब्रीफिंग की जाएगी। जिसके लिए आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड को पत्र भेजकर अवगत कराया है।

जिसके अनुसार, आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया है, उनको ब्रीफिंग में शामिल होना अनिवार्य है। जो अधिकारी ब्रीफिंग में शामिल नही होंगे, उन अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। 

इन आईएएस अफसरों की लगी चुनाव में ड्यूटी 

एल फनाई, आर मीनाक्षी सुंदरम, डी सेंथिल पांडियन, सचिन कुर्वे, शरदचंद्र, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, हरि चंद्र सेमवाल, विनोद प्रसाद, वी षणमुगम, डॉ. आर राजेश कुमार, दीपेंद्र कुमार चौधरी, डॉ. नीरज खैरवाल, विनोद कुमार सुमन, सविन बंसल, रणवीर सिंह चौहान, युगल किशोर पंत, बाल मयंक मिश्रा, रामबिलास यादव, डॉ. अहमद इकबाल, नितिन सिंह भदौरिया। 

इन आईपीएस अधिकारियों की लगी चुनाव में ड्यूटी 
पीवीके प्रसाद, अमित सिन्हा, अजय प्रकाश आयुष्मान, केवल खुराना और मुख्तार मोहसिन।

कई अधिकारियों को प्रदेश में सरकार की रोकने की कोशिश

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार कई अधिकारियों को प्रदेश में ही रोकने के लिए आग्रह भी निर्वाचन आयोग से करेगी। क्योंकि कई अधिकारियों के पास वर्तमान में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं जिनके निर्वहन के लिए सरकार निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी पीड़ा भी रख सकती है। हालांकि कल होने वाली निर्वाचन आयोग की विभिन्न में हर हाल में 21 आईएएस और 5 पीसीएस अधिकारियों को शामिल होना ही होगा उसके बाद ही निर्वाचन आयोग प्रदेश सरकार के द्वारा जिन अधिकारियों को निर्वाचन में ड्यूटी न लगाए जाने की अपील करेगा उन पर फैसला लेगा

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