शिक्षा विभाग से बड़ी खबर

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 21 सितंबर कैसे खुलेंगे स्कूल,शिक्षा विभाग की बढ़ी चिंताएं,असमंजस की स्थिति

देहरादून। कोरोना वायरस महामारी के बाद केंद्र सरकार के द्वारा यूं तो स्कूल 30 सितंबर तक बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं । लेकिन 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए 50% शिक्षकों के साथ स्कूलों को खोलने और अभिभावकों की सहमति से जो छात्र विद्यालय आना चाहते हैं, उनको पढ़ाने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए भी केंद्र सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने और अन्य उपायो को लेकर सुझाव दिए है। वही इस बीच उत्तराखंड में भी सरकारी स्कूलों को खोलने को लेकर प्रधानाचार्य के द्वारा शिक्षकों को स्कूल आने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। जबकि अभिभावकों से भी इस पर राय ली जा रही है। लेकिन इन सबके बीच उत्तराखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर शिक्षा विभाग भी शिक्षकों के स्कूल आने और छात्रों को बुलाने को लेकर चिंतित नजर आ रहा है ।

इसी को लेकर गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने एक आदेश देहरादून और हरिद्वार जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को भेजे हैं। जिसमें उन्होंने दोनों मुख्य शिक्षा अधिकारियों को दोनों जिलों में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण से अवगत कराते हुए कहा है कि शिक्षा विभाग के कर्मचारी और शिक्षक भी देहरादून और हरिद्वार में कोरोना के संक्रमण की चपेट में आए हैं,और यहां तक की कुछ शिक्षकों की मृत्यु भी हुई है। इसलिए केंद्र सरकार की जो गाइडलाइन 21 सितंबर से 50% शिक्षकों के साथ विद्यालयों में अभिभावकों की सहमति से छात्रों के विद्यालय में पढ़ाने को लेकर जारी की गई है । उसको लेकर वह सलाह के साथ निर्देश भी देते हैं कि वह जिला अधिकारी के संज्ञान में इस बात को लेकर आएं कि कि किस तरह स्कूल 50% शिक्षकों के साथ छात्रों की उपस्थिति में खोले जाएं, इस पर जिला अधिकारियों से पूर्ण विचार विमर्श करें ताकि किसी भी प्रकार की असावधानी न बरती जाए । कुल मिलाकर साफ है कि उत्तराखंड में जिस तेजी से कोरोनावायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं उसके बीच कैसी स्कूलों को खोला जाए यह वास्तव में एक चिंता का पहलू है क्योंकि शिक्षा विभाग के कई शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं । ऐसे में किस तरह स्कूल खुलेंगे और बच्चों की पढ़ाई होगी यह एक ऐसा सवाल बन गया है,जो सरकार के लिए भी अनसुलझा सा पहलू नजर आ रहा है।

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