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उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में चमत्कार शुरू,प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन शुरू,सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल का कमाल

देहरादून । उत्तराखंउ सरकार के द्धारा शुरू किए गए अटल उत्कृष्ट विधालयों में चमत्कार दिखने शुरू हो गए है,जी हां उत्तराखंड में अभिभावकों का जहां सरकारी स्कूलों से मोह भंग होने के बाद अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए प्राईवेट स्कूलों की ओर रूझान बड़े लम्बे समय से देखे जा रहा है। लेकिन अब यही रूझान उल्टा देखने को मिल रहा है,जिससे सरकारी शिक्षा व्यवस्था के लिए चमत्कार कह सकते है। जी हां प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर अभिभावक सरकारी अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में अपने बच्चों के एडमिशन करना शुरू कर दिया है। रूद्रप्रयाग के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर काॅलेज में इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई के लिए कक्षा 6 और कक्षा 9 में इंलिश मीडियम में रूद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के बड़े नामी प्राईवेट स्क्ूलों के बच्चे सरकारी अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर काॅलेज में एडमिशन करा रहें है। कक्षा 9 में स्थिति यह है कि एक सेक्शन यानी 40 छात्र संख्या से ज्यादा बच्चों ने इंलिश मीडियम में पढ़ाई के लिए दिलचस्पी दिखाई है। स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य नरेश जमलोकी का कहना है कि जिस तरह सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई के लिए प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों के ओर बच्चे रूख कर रहें है वह सरकारी शिक्षा प्रणाली के लिए अच्छी बात है और शिक्षा विभाग के लिए गैरव की बात है। बस सरकार को इन स्कूलों में पर्याप्त संसाधन और शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रधानाचार्य को पूरा अधिकार दिया जाना चाहिए। यदि केंद्रीय विद्यालयों की दर्ज पर अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की कमान पूरी तरह से प्रधानाचार्यों के हाथों में रहेगी तो वह विश्वास के साथ कह सकते है कि इन स्कूलों से सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा भी सुधारी जा सकती है। प्रधानाचार्य नरेश जमलोकी का कहना है कि वह पिछले कई सालों से अपने स्कूल में इंटरमीडिएट के छात्रों को इंग्लिश मीडियम में ही पढ़ाते है। वह सरकार से बस एक ही मांग करते है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयोें में जल्द इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई के लिए शिक्षकों की नियुक्ति करदें तो सभी स्कूलों में इंलिश मीडियम में पढ़ने वाले छात्रों की सीटें फुल हो जाएंगे। क्योंकि अभी अभिभवक स्कूलों में इंलिशल मीडियम में पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति न होने की वजह से भी अपने बच्चों के एडमिशन कई जगह पर नहीं करा रहें। लेकिन इंगलिश मीडियम में पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति से अभिभावकों की दुविधा खत्म हो जाएगी। उनके स्कूल में अभी तक कई ऐसे छात्रों ने इंलिशल मीडियम में के लिए एडमिशन लिया है जो प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते थे।

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