नाराज हरक के तेवर पड़े ढीले,कहा सीएम के पास अधिकार,मंत्री के विभाग में भी कर सकते है बदलाव

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से नाराज चल रहे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी लगाता है अब खत्म हो गई है। जी हां ये हम नहीं हरक सिंह रावतों के बयानों से छलक रहा है। क्योंकि कर्मकार कल्याण बोर्ड से जब हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से हटाया गया तब हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से काफी नाराज लग रहे थे और उनकी नारागी उनके बयानों और चेहरे के हाव भाव से भी झलक रही थी। एक के बाद एक हरक सिंह रावत ने कई ऐसे बयान दिए जिससे काफी नााराज वह लग रहे थे,यहां तक कि उनके द्धारा 2022 का चुनाव न लड़ने का बयान भी इसी नारागी को लेकर देखा जा रहा था। वहीं बार्ड के नए अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के द्धारा हरक सिंह रावत की करीबी अधिकारी दमयंती रावत की भी कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव पद से हटाएं जाने के बाद हरक सिंह रावत ने शमशेर सिंह सत्याल के ज्ञान पर भी सवाल उठा दिए थे,जिसके बाद लग रहा था कि हरक अपनी नाराजगी को खुलकर व्यक्त करेंगे। यहां तक कि हरक सिंह रावत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले कहा था कि वह जब मुख्यमंत्री से मुलाकता कर लेगें और अपनी बात रख लेंगे। उसके बाद वह मीडिया के समक्ष खुलकर अपनी राय देंगे। लेकिन हरक सिंह रावत की मुख्यमंत्री से मुलाकत के बाद तो बेबाकी से बयान देना छोडिए,बयान देने का नजरिया ही अब बदल गया है। हरक सिंह रावत का कहना है कि मुख्यमंत्री को अधिकार है कि वह किसको दायित्व दे,यहां तक कि मुख्यमंत्री के पास इतना भी अधिकार है कि वह चाहे तो किसी भी मंत्री के विभाग को बदल सकते है। ये बयान हरक सिंह रावत से आज विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए दिया है। हरक सिंह रावत का कहना है कि मुख्यमंत्री के पास अधिकार है कि वह किसी भी कार्यकर्ता को दायित्व दे,साथ ही मुख्यमंत्री के पास ये भी अधिकार है कि वह किसी भी मंत्री के विभागोें को बदले दे। कुल मिलाकर देखें तो हरक सिंह रावत के इस बयान से साफ हो गया है कि हरक सिंह रावत जिन तेवरों के साथ मुख्यमंत्री के खिलाफ नाराजगी जता रहे थे वह नाराजगी अब ठंडी हो चुकी है। साथ ही ये भी कहा जा सकता है कि हरक की नाराजगी अब शांत हो गई है,और ऐसा शायद ही पहली बार हुआ कि जब हरक सिंह रावत सीधे मुख्यमंत्री से नाराजगी जता चुकें हो और वह आसानी से बिना मानमनोबल के मान गएं हो। अब इसे राजनीति में हरक सिंह रावत का बदलता स्वभाव कहें या फिर मुख्यमंत्री का सख्त रवैया कि उन्होने हरक कि नाराजगी को हावी नहीं होने दिया

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