8 फरवरी से स्कूल खुलने से पहले शिक्षा मंत्री ने दिए प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को सख्त हिदायत,शिकायत आने पर कार्रवाई के निर्देश,अभिभावकों को राहत

बाजपुर । कोरोना महामारी के कारण उत्तराखंड में करीब 10 महीने से बंद चल रहे स्कूलों के ताले आठ फरवरी से खुल जाएंगे। प्रदेश मंत्रिमंडल ने कक्षा छह से 12वीं तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों को खोलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। विद्यालय शिक्षा विभाग स्कूलों के खुलने को लेकर अलग से मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगा।

कोविड-19 का हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। कैबिनेट में सामूहिक निर्णय लिया गया है कि आठ फरवरी से कक्षा 6 से 9 वीं तथा 11वीं की कक्षाएं शुरू होंगी। जिसमें सभी विद्यालयों को स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का पूर्ण पालन करवाने के निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी रविवार को बाजपुर दौरे पर पहुंचे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं।

उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों (सरकारी व निजी) को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी विद्यालय ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई भी चार्ज अभिभावकों से नहीं वसूलेगा, यदि इस तरह की कोई शिकायत सामने आती है तो संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

वहीं उन्होंने आठ फरवरी से राज्य में स्कूलों में पठन-पाठन व्यवस्था को पटरी पर लाने की बात कहते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन के अनुसार कक्षा छह से इंटरमीडिएट तक की सभी कक्षाएं संचालित की जाएंगीं। कोरोनाकाल के चलते जो शिक्षण कार्य में नुकसान हुआ है उसकी शीघ्र भरपाई करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में चल रहे किसान आंदोलन के संबंध में पांडेय ने कहा कि चंद लोगों की वजह से सभी लोगों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उनका मत है कि दिल्ली पुलिस किसी भी निर्दोष किसान को परेशान न करे और पूरी तरह से मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को ही पकड़ा जाए। उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड के किसी भी किसान ने कोई राष्ट्रद्रोह का कार्य नहीं किया है, इसलिए मूल्यांकन सही होना चाहिए।

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