कांग्रेस के द्वारा रोजगार को मुद्दा बनाने पर भाजपा प्रवक्ता ने किया पटलवार,त्रिवेंद्र सरकार में मिले रोजगार को लेकर जारी किए आंकड़े

देहरादून । रोजगार के नाम पर हल्ला मचाने वाली कांग्रेस को पहले अपने गिरेबाँ में भी झाँक कर देखना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने बयान जारी करते यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तमाम नेता आज कल रोजगार के नाम पर जनता को बरगलाने के लिए हो हल्ला मचाये हुए है। जबकि सच्चाई यह है कि दस साल राज करने वाली कांग्रेस ने कितने युवाओं को रोजगार दिया, आज सबके सामने है। इसके विपरीत त्रिवेंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता सभी को रोजगार और स्वरोजगार देने की है। और उस पर सरकार गंभीरता से कार्य भी कर रही है। उंन्होने कहा कि कोरोना महामारी के वैश्विक संकट के समय लाकडाऊन के कारण केवल उत्तराखंड की नहीं बल्कि देश और विदेशों की आर्थिक गतिविधियों प्रभावित हुई हैं। अब अनलॉक के बाद तेजी से रोजगार को पटरी पर लाने की राज्य सरकार ने गंभीर प्रयास शुरू किए हैं। इस दौरान दूसरे प्रदेशों से करीब साढ़े चार लाख से अधिक उत्तराखंडी भाई –बहन वापस लौटे हैं। सरकार ने इनके रोजगार और स्वरोजगार को कई फैसले लिए हैं।

कांग्रेस के नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए बिपिन कैंथोला ने कहा कि पूरी कांग्रेस आज मुद्दा विहीन हो गई है, कांग्रेस को अपने सरकार के कार्यकाल में दिए रोजगार से जुड़े आंकड़ों को भी देख लेना चाहिए। एक बार अपने सरकारों के कार्यकाल पर भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित सारे नेताओं को स्थिति साफ करनी चाहिए। कैंथोला ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान जहाँ राज्य में 1000 डॉक्टर थे आज डबल इंजन की सरकार आने के बाद, 2700 डॉक्टर हो गए है ,पूरे प्रदेश में केवल तीन जिलों में आईसीयू थे,आज सभी जिलों में आईसीयू की सुविधा है।

कांग्रेस ने अपने शासनकाल में उपनल के जरिए असैनिक अभ्यर्थियों की भर्ती पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब त्रिवेंद्र सरकार ने उपनल के जरिए मिलने वाले रोजगार को प्रदेश के सभी स्थानीय लोगों के लिए खोला है। यह जरूर है कि पहली प्राथमिकता पूर्व सैनिक और उनके परिजनों को मिलेगी। सरकार ने हर स्कूल में शिक्षक हो उसके तहत गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की है। डबल इंजन की सरकार ने वर्षों से लंबित पड़े विशिष्ट बी टी सी शिक्षकों के मामले को भाजपा के राज्यसभा सांसद केद्रीय एच् आर डी मंत्री व राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश के 16500 शिक्षकों को न्याय दिलवाया। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए तेजी से रोजगार की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश में स्वरोजगार को को बढ़ावा देने के लिए वीर चन्द्र सिह गढ़वाली स्वरोजगार योजना में पहले 25% छुट थी, अब भाजपा सरकार ने 50% की छूट का प्रावधान किया है। जिससे अधिक से अधिक युवा स्वरोजगार के लिए आगे आ रहे हैं।

कैंथोला ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में उच्च शिक्षा में 877 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की। आज सभी कालेजों में प्रधानाचार्य और पूरी फैकल्टी है। इंटर कालेज के प्रवक्ता के 1353 पदों, माध्यमिक स्तर के सहायक अध्यापक के 1875 व प्राथमिक स्तर के 1881 पदों पर नियुक्तियां की गई। ऊर्जा विभाग के तीन निगमोंमें 371 पदों पर सीधी भर्तियां की गई। पिछले साढ़े तीन साल में त्रिवेंद्र सरकार ने नए 13484 औद्योगिक इकाईयों की स्थापना कर इनमें करीब 96 हजार लोगों को सीधा रोजगार दिया।

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत 10 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। मोटर बाइक योजना के जरिए भी 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। अकेले कैंपा योजना से करीब 40 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। मनरेगा में कार्य दिवसों की संख्या में इजाफा किया गया। उनकी दैनिक मजदूरी को भी बढ़ाया गया। अब युवाओं को उनके दक्षता के हिसाब से काम देने की नीति भी बनाई गई है। कौशल विकास योजना के तहत इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

कोरोना महामारी के दौरान रोजागर खोकर प्रदेश में वापस लौटे युवाओ व प्रदेश में रह रहे युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना भी बनाई गई। जिसमें 150 से ज्यादा कार्यों के जरिए स्वरोजगार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब तक 1216 अभ्यर्थियों को 45 करोड़ रुपये लोन स्वीकृत किया जा चुका है। उंन्होने कहा कि डबल इंजन सरकार का एक ही मिशन है कि हर घर को रोजगार, हर युवा को उसके अपने राज्य व अपने घर पर पर काम दिया जाय। इस मुहिम को बड़चढ़ कर उत्तराखंड के युवाओँ का साथ मिल रहा है जिसे उत्तराखंड कांग्रेस के आला नेता हजम नहीं कर पा रहे हैं और घटिया राजनीति के लिए अनर्गल बयानबाजी व रैलियों की नोटकी कर रहे हैं।

कांग्रेस को यह याद रखना चाहिए कि वह अगर किसी की ओर एक उंगली उठाती है तो बाकी की चार उंगली खुद उनसे ही सवाल पूछती है। उत्तराखंड का रोजगार व स्वरोजगार पाने वाला उत्तराखंड का युवा ,कांग्रेस पार्टी व उनके नेताओं का यह नाटक देख रहा है। इसलिए काँगेस कितनी भी नाटकबाजी कर ले अभी प्रदेश में उसे अब काम मिलने वाला नहीं है। आज कांग्रेस उत्तराखंड के युवाओं के रोजगार के लिए चिन्तित नहीं है बल्कि कांग्रेस के नेता परेशान हैं कि उनकी पार्टी व नेताओँ को रोजगार कैसे मिल सके, क्योकि कांग्रेस सरकार में सभी विभागों में केवल ट्रांसफर उद्योग के जरिए उनके नेताओं की रोजी रोटी निकल जाती थी। इसके कारण भ्रष्टाचार चरम पर होता था। जिसको देखते हुवे उत्तराखंड की जनता ने 2017 में कांग्रेस के आला नेताओं समेत कांग्रेस पार्टी को सही आईना दिखाया था। अब 2022 में भी कांगेस को जनता फिर से 2017 वाला आईना दिखाने को तैयार है।

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