उत्तराखंड ऊर्जा विभाग में पहली बार IAS अफसर की तैनाती से खलबली,सरकार के निर्णय की सरहाना

देहरादून। उत्तराखंड बनने के बाद पहली बार ऊर्जा निगम में एमडी पद पर किसी आईएएस अफसर की तैनाती हुई है। तेजतर्रार और सख्त मिजाज अफसर नीरज खैरवाल की से ऊर्जा निगम में खलबली मची हुई है। मुख्यालय से लेकर डिवीजन स्तर पर हलचल मची रही। खासतौर पर भ्रष्टाचार, घपले, घोटालों में फंसे इंजीनियरों और अफसरों की हवाइयां उड़ी हुई हैं।ऊर्जा निगम में अफसरों के बीच गुटबाजी, अनियमितताओं, बढ़ते वित्तीय घाटे, एक दूसरे की लगातार शासन स्तर पर बढ़ती शिकायतों से आजिज आकर शासन ने आईएएएस अफसर को तैनात कर दिया है। राज्य में भले ही ये पहली बार हो रहा हो, लेकिन पड़ोसी राज्य यूपी में अधिकतर बड़े ऊर्जा निगमों में आईएएस अफसर ही एमडी पद का जिम्मा संभालते आए हैं।

सरकार के फैसले का स्वागत

उत्तराखंड ऊर्जा ऑफिसर्स सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसी गुरुरानी ने ऊर्जा निगम में एमडी पद पर आईएएस की तैनाती का स्वागत किया। सरकार के इस फैसले को उन्होंने ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि युवा आईएएस अफसर की तैनाती से ऊर्जा निगम के भ्रष्ट सिस्टम में एक नई पारदर्शिता आएगी। ईमानदार अफसरों को प्रोत्साहन मिलेगा। भ्रष्ट इंजीनियरों, अफसरों पर नकेल कसी जा सकेगी। कहा कि जिस तरह पिछले कुछ सालों में एक के बाद एक करोड़ों के भ्रष्टाचार हुए, टेंडरों में घपले किए गए, उन पर अब रोक लग सकेगी। कहा कि ऊर्जा निगम का मौजूदा सिस्टम इस कदर पटरी से उतर चुका है कि यहां एक ईमानदार आईएएस अफसर की तैनाती बहुत जरूरी हो गई थी। उन्होंने भ्रष्टाचारियों की जांच की मांग की। कहा कि युवा आईएएस अफसर के आने से निगम में एक नई ऊर्जा आएगी। शासन स्तर पर लंबित प्रकरण ज्यादा तेजी के साथ सुलझ सकेंगे।

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