भाजपा विधायकों की कंजूसी पर सियासी घमासान,कांग्रेस हमलावर तो मुख्यमंत्री ने बताया कन्फ्यूजन की स्थिति

देहरादून । उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार के द्वारा सभी विधायकों के 30% वेतन कोरोनावायरस महामारी के चलते मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के फैसले का भाजपा विधायकों ने ही पलीता लगाने का काम किया है। कांग्रेस के जहां सभी विधायकों ने 30% वेतन कटवाया है। वहीं भाजपा विधायकों ने अपने अनुसार वेतन कटवाया इसको लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि उनके संज्ञान में भी यह मामला आया है,कुछ कन्फ्यूजन के चलते ऐसा हुआ होगा,जिस वजह से विधायकों ने पूरा वेतन नहीं कटवाया है ।

कांग्रेस ने उठाये सवाल

वहीं भाजपा विधायकों के द्वारा 30% वेतन न कटाया जाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है,कि भाजपा की कथनी और करनी में फर्क है, और भाजपा कितना झूठ बोलती है । इसका पता विधायकों के वेतन कटौती से चल गया । कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि भाजपा का चाल चरित्र चेहरा यही है, कि वह बोलती कुछ है और करती कुछ है। सरकार ने जब सभी विधायकों के 30% वेतन कटौती के साथ निर्वाचन भत्ता और आदि कुल मिलाकर 30% कटौती की बात कही थी तो फिर क्यों भाजपा के विधायकों ने कैबिनेट के निर्णय को नहीं माना । सूर्यकांत धस्माना ने तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत और प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान पर भी हमला बोला है जो दोनों विधायक हैं और कांग्रेस विधायकों पर खूब सवाल उठा रहे थे तो दोनों विधायकों ने कैबिनेट के निर्णय के अनुसार वेतन कटौती नहीं कटवाई है।

अध्यादेश लाने की मांग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जहां वेतन कटौती में 30% का सहयोग भाजपा विधायकों के द्वारा न किए जाने को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बता रहे हैं । वहीं भाजपा विधायक खजान दास ने भी कहा है कि विधायक कुछ कंफ्यूज रहे हैं । जिस वजह से वह 30% वेतन अपने मूल वेतन में उन्होंने कटाया है । लेकिन जहां तक कांग्रेस की बात है तो कांग्रेस को इस मामले पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं बनता है। क्योंकि कांग्रेस के विधायकों ने तब जाकर वेतन कटौती का फैसला लिया जब जनता में कांग्रेस की किरकिरी हुई । इसलिए वह कांग्रेस से कहना चाहते हैं कि वह इस मामले पर सवाल ना उठाएं साथ ही खजान दास का कहना है,कि सरकार को इसमें अध्यादेश लेकर आना चाहिए जिस वजह से सभी विधायकों का एक समान वेतन कटौती हो सके ।

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