धन सिंह रावत ने फेरा अमनमणि त्रिपाठी के सैर सपाटे पर पानी,चमोली में प्रवेश देने की बजाय वापस भेजने के दिए थे निर्देश

देहरादून। यूपी के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के लाॅक डाउन में बद्रीनाथ – केदारनाथ धाम घुमने के सैर सपाटे पर अगर किसी ने पानी फेरा है तो वह चमोली जिला प्रशासन है जिसने विधायक अमनमणि त्रिपाठी के साथ उनके साथियों को कर्णप्रयाग से वापस लौटा दिया । लेकिन अगर चमोली जिला प्रशासन के साथ कोई और अमनमणि त्रिपाठी के सैर सपाटे पर पानी फेरने वाला है तो है उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री धन सिंह जी हां आप सोच रहे होंगे कि धन सिंह रावत ने कैसे अमनमणि त्रिपाठी के सैर सपाटे पर पानी फेर दिया। तो हम आपको वह बात बताते है जो अभी तक कम ही लोगों को पता है कि धन सिंह रावत के निर्देश पर ही चमोली जिला प्रशासन ने अमनमणि त्रिपाठी को चमोली जिले में प्रवेश नहीं करने दिया।

धन सिंह ने नहीं दी आगे जाने की अनुमति

अपको बतादे कि धन सिंह रावत चमोली जिले के प्रभारी मंत्री है। कोविड 19 की पल – पल की अपडेट के साथ जिले की हर जानकारी धन सिंह रावत निरंतर लेते रहते है। धन सिंह रावत लगातार अधिकारियों के सम्पर्क में रहते है। यही वजह है कि अधिकारी भी धन सिंह रावत को प्रभारी मंत्री के नाते हर जानकारी से अवगत कराते है। यूपी के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के काफीले को जब चमोली जिला प्रशासन के द्धारा रोका गया इसकी जानकारी तुरंत त्रिवेंद्र सरकार में राज्य मंत्री और पौड़ी जनपद के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत को दी गई कि यूपी के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपने साथियों के साथ बकायदा पास बनाकर बद्रीनाथ धाम जाना चाहते है। जिला प्रशासन की बातों को धन सिंह रावत ने बड़ी गौर से सुना और तुरंत कह दिया कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों के काफिले को बद्रीनाथ धाम जाने की बजाय वापस भेज दिया। प्रभारी मंत्री से निर्देश मिलने के बाद अधिकारियों को भी बल मिल गया और फिर उन्होने देहरादून जिला प्रशासन के द्धारा जारी पास और अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के उस सिफारिश वाले पत्र का भी संज्ञान नहीं लिया,जिसमें ओम प्रकाश ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृ कार्य हेतू विधायक और उसके साथियों को जाने की अनुमति अपने स्तर से प्रदान की गई थी।

चमोली जिला प्रसाशन और धन सिंह को निर्णय काबिले तारीफ

कुल मिलाकर देखे तो चमोली जिला प्रशासन ने समझदारी वाला काम किया पहले विधायक को रोक दिया फिर प्रभारी मंत्री को फोन कर दिया। यदि विधायक को न रोकत और जाने देते या प्रभारी मंत्री की राज न लेते तो फिर अमनमणि त्रिपाठी बद्रीनाथ की सैर कपाट बंद होने और लाक डाउन का उल्लंघन कर आ जाते है। लेकिन इस बात का श्रेय चमोली जिला प्रशासन और चमोली जिले के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत दिया जाना चाहिए कि उन्होने अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों के मनसूबों पर सैर सपाटा करने पर पानी फिर दिया और मामला उजागर होने के बाद विधायक की किरकिरी के साथ उत्तराखंड के उन अधिकारियों कि भी किरकिरी करा दी जिन्होने गलत तथ्यों के आधार पर अमनमणि त्रिपाठी का पास बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की सैर करने के लिए बनाया था। 

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