राजनैतिक पहुँच वाले शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने दिया झटका,अटैच वाले शिक्षकों को लौटना होगा मूल तैनाती वाले स्कूल,आदेश हुआ जारी,अधिकारियों की अग्नि परीक्षा की घड़ी

देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर है, बड़ी खबर उन शिक्षकों के लिए है जो मूल विद्यालय छोड़कर अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते अन्य जगह सेवाएं दे रहे हैं। शिक्षा सचिव राधिका झा के द्वारा एक आदेश जारी किया गया था जिसमें मूल तैनाती से अन्य संबद्ध किए गए शिक्षकों की संबद्धता तत्काल प्रभाव से समाप्त किए जाने का आदेश जारी हुआ था । जिसके बाद शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने भी आदेश जारी करते हुए सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है और मूल तैनाती छोड़कर अन्य स्थल पर सेवाएं दे रहे शिक्षकों की संबद्धता समाप्त किए जाने का निर्देश दिया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी का कहना है कि 56 ऐसे माध्यमिक शिक्षक हैं जो मूल तैनाती यानी स्कूलों में पढ़ाने की बजाय अन्य जगह अपनी सेवाएं दे रहे। ऐसे शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करते हुए मूल तैनाती वाले विद्यालय में किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। छात्रों की पढ़ाई को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है । ताकि स्कूलों में तैनात शिक्षक छात्रों को पढ़ाएं ना कि अन्य जगह अपनी सेवाएं दे ।  ऐसा होने से छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा में ऐसे 56 शिक्षक हैं जो स्कूलों में अपनी सेवाएं न देकर अन्य सेवाएं दे रहें है। हालांकि 56 अटैच शिक्षकों में उन शिक्षकों को राहत दी जाएगी जो गंभीर रोग ग्रस्त हैं उनका गुण दोष के आधार पर परीक्षण महानिदेशक विद्यालय शिक्षा के स्तर पर किया जएगा।

चुनावी साल में नेताओं को छोड़कर क्या बच्चों का भविष्य सुधारने का उठाएंगे फैसला

उत्तराखंड की सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 56 शिक्षकों में से अधिकांश शिक्षक अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते या तो उत्तराखंड में मंत्रियों के साथ एडजस्ट हैं या फिर अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते अपनी मनमाफिक जगह अटैच है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या चुनावी साल में ऐसे शिक्षक अपने नेताओं का साथ छोड़कर बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए क्या मूल तैनाती वाली स्कूलों में जाएंगे। और क्या उत्तराखंड के ऐसे माननीय जिनके साथ शिक्षक घूमते हैं क्या वह उन शिक्षकों को अपने साथ घूमने की बयाज क्या उन्हें स्कूलों में भेजने को राजी होंगे यह भी देखना होगा । लेकिन जो आदेश शिक्षा सचिव के बाद शिक्षा निदेशक ने जारी किया है क्या उसके बाद वास्तव में अटैच शिक्षक मूल तैनाती वाले स्कूलों में जाएंगे यह बड़ा सवाल है। क्योंकि इससे पहले भी कई बार इस तरीके के आदेश होते हैं आए हैं लेकिन राजनीतिक पहुंच के चलते अटैच शिक्षकों का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए भी यह अग्नि परीक्षा है कि जो आदेश व अटैचमेंट शिक्षकों के लिए उनकी संबद्धता खारिज करने का जारी किया।गया है,  क्या वास्तव में शिक्षा विभाग के अधिकारी राजनीतिक पहुंच वाले शिक्षकों को क्या मूल स्कूलों में तैनात करा पाएंगे।

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