शिक्षा विभाग में अपणु उत्तराखंड की खबर का दमदार असर,बदला गया सिर दर्दी वाला आदेश, शिक्षक हुए खुश

देहरादून । अपणु उत्तराखंड की खबर का दमदार असर हुआ है, जी हां असर भी ऐसा की चम्पावत जिले के मुख्यशिक्षा अधिकारी ने चंद घण्टों में ही खबर प्रसारित होने के बाद अपने आदेश में संशोधन कर दिया ।

आपको बतादे कि कल शाम अपणु उत्तराखंड ने “शिक्षकों के सिर दर्द बना विभागीय आदेश,लॉक डाउन का करें पालन या उल्लंघन” खबर चलाई थी । जिसमे शिक्षकों की पीड़ा का बायां किया गया था,शिक्षकों का दर्द था कि लॉक डाउन के चलते सभी शिक्षक और कर्मचारी स्कूल कैसे पहुंचे और अगर पहुंचे तो स्कूल में न तो सोशल डिस्टेसिंग का पालन होगा और न ही लॉक डाउन का । ऊपर से कोरोना का खतरा कम होने की बजाय और बढ़ सकता है,विभागीय आदेश था कि चम्पावत जिले के जिन स्कूलों को कोरोटाइन्ट सेंटर बड़ा गया है वहाँ सभी शिक्षक और स्टॉफ स्कूल में उपस्थित दर्ज कराए,यहां कि उपस्थिति दर्ज न होने पर शिक्षकों को कारवाई की धमकी तक दी जा रही थी,लेकिन जब शिक्षकों ने अपनी पीड़ा हम से व्यक्त कि तो पत्रकारिता के धर्म के नाते के साथ लॉक डाउन का पालन और शोसल डिस्टेसिंग का पालन करने के नाते हमने खबर को प्रमुखता से उठाया साथ ही जिला अधिकारी चम्पावत से भी बात की और पूरा मामला डीएम के समक्ष रखा, जिसका संज्ञान जिला अधिकारी ने फोन पर हुई वार्ता में ही ले लिया है । और ऐसे आदेश करने को खारिज बाता दिया,लेकिन शिक्षक तो आदेश के बिना मानने वाले नही थे । ऐसे में हमने खबर को प्रकाशित की,जिसका संज्ञान मुख्यशिक्षा अधिकारी ने भी लिया और कुछ घण्टे बाद ही खबर चलने के बाद अपने आदेश को संशोधित करते हुए दूसरा आदेश जारी कर दिया,जिसमे स्पष्ठ कर दिया कि जिन स्कूलों को कोरोटाइन्ट सेंटर बनाया गया है,उन स्कूलों में जरूरत पड़ने पर ही शिक्षकों और कर्मचारियों को बुलाया जाए वह भी न्यूनतम संख्या में यानी अब साफ हो गया है कि सभी शिक्षकों को स्कूल नही पहुंचना होगा । और यदि अगर किसी स्कूल में जरूरत पड़ती है तो न्यूनतम ही संख्या में कर्मचारियों और शिक्षकों को बुलाया जाएगा ताकि लॉक डाउन और शोसल डिस्टेसिंग का भी पालन हो सके।

जिम्मेदारी के साथ उठाते रहेंगे मुद्दे

अपणु उत्तराखंड लगातर उन खबरों को आपके बीच प्रकाशित करता है जो सरकार से जुड़ी होती है और जनता को जानने के लिए बेहद जरूरी होती है,साथ ही उन मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाता है जो जनहित से जुड़े होती है,और सरकार उन मुद्दों का संज्ञान लेने के बाद उन का समाधान भी करती ,ताकि जनता की समस्याएं भी हल हो,शिक्षकों की पीड़ा को भी इसी कड़ी का हिसा था । जिसका असर 12 घण्टे के भीतर देखने को ही मिल गया,इसलिए हम आपसे वादा करते है की हम हमेशा जनहित से जुड़े मुद्दे उठाते रहेंगे, और निष्पक्ष पत्रकारिता का उदाहरण पेश करते रहेंगे। बस आपसे यही उम्मीद है कि आप हमारे खबरों को यूं ही पढ़ते रहे और अपने लोगों तक भी पहुंचते रहे । अपणु उत्तराखंड पर उत्तराखंड की हर
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