प्राइवेट स्कूलों को नहीं कोरोना महामारी से लेना देना,फीस जमा करने के लिए बना रहे है दबाव, सीओ ने नोटिस किया जारी

देहरादून। कोराना वायरस की महामारी के बीच उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य था। जिसने उत्तराखंड के अभिभवकों की पीड़ा को समझते हुए प्राइवेट स्कूलों से स्कूल न खुलने तक फीस न लेने का आदेश जारी किया था। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय के निर्देश पर शिक्षा सचिव ने बकायदा इसके आदेश भी जारी कर दिए थे,लेकिन लगता है कि उत्तराखंड के जो प्राइवेट स्कूल लूट के लिए जाने जाते है। वह इस लाॅक डाउन और विश्वभर में फैली महामारी के बीच भी अपनी लूटने के निति से बाज नहीं आ रहे है। जी हां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद जहां पूरे देश में 14 अप्रैल का लाॅक डान है, वहीं लाॅक डाउन में उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूल को फीस की चिंता संता रही है। जिसके लिए अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए दवाब बनया जा रहा है,जिससे साफ प्रतीत होता है कि उत्तराखंड के प्राइेवेट स्कूलों को न तो कोरोना महामरी का डर संता रहा है, न ही उत्तराखंड सरकार के द्धारा जारी आदेश का और, न ही शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय की अपील का । ऐसा में कहा जा सकता है कि उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों को मात्र इस महामारी के बीच किसी चीज की चिंता सता रही है तो वह मात्र फीस की चिंता सता रही है।

सीईओ ने स्क्ूलों के नाम से आदेश किए जारी

देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली प्राइ्रवेट स्कून के इस मनमानी को लेकर सख्त् हो गई है,मुख्यशिक्षा अधिकारी को देहरादून के भानियवाल स्थित माउंड लिट्रा जी स्कूल के बारे में शिकायता मिली तो उन्होने माउंड लिट्रा जी स्कूल को नोटिस भेजकर अभिभवकों को फीस जमा करने के लिए भेजे  गए वट्सप मैसेज को लेकर स्पष्टीकरण मांग लिया है। स्कूल के द्धारा जवाब ने देने या संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाइ्र की बात भी कही है। लेकिन देहरादून का यह एक मात्र स्कूल नहीं कई स्कूल देहरादून के है जो लाॅक डाउन में अभिभवकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर स्कूल स्कूल खुलने तक का इंतजार क्यों नहीें कर पा रहे।

भाजना नेता भी बना रहे दबाव

शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने जिस दिन प्राइवेट स्कूलों के लिए आदेश जारी करवा दिए थे कि वह स्कूल खुलने तक फीस न ले उस दिन से ही ऐसे भाजपा नेता जिनके प्राइवेट स्कूल हैं उनके माथे पर बल भी पड़ गया कि कैसे वह अभिभवकों से फीस लेंगे। देहरादून प्राईवेट स्कूल संचालक तो शिक्षा सचिव के के चक्कर भी काट रहे है कि वह अपने आदेश को वापस लेकर फीद जमा कराने का आदेश जारी करवा दे। सूत्रों की माने तो कुछ भाजपा नेता पूरी तरह सरकार के उपर दबाव बना रहे हे कि सरकार इस आदेश को वापस ले ले जो लाॅक स्कूल खुलने तक फीस न लेने को लेकर जारी हुआ है। वही दूसरी तरह भाजपा कई ऐसे भाजपा नेता भी है जो शोसल मीडिया में खुलकर लिख रहे है कि कई स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे है,इनमे कंुवर जपेेंद्र सिंह भी शामिल है जो सरकार से मांग कर रहे कि सरकार ऐसे स्क्ूलों पर कार्रवाई जो लाॅक डाउन में अभिभवकों की पीड़ा नहीं समझ पा रहे है। साथ ही प्राईवेट स्क्ूलों से दो माह की फीस माफ करने की मांग कर रहे है। 

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