इस शिक्षक को पूरे उत्तराखंड की ओर से सलाम, नाबालिग के लिए उठाई सोशल मीडिया पर आवाज़, मामला सीएम से लेकर आयोग तक पहुंचा

चमोली में 13 साल की लड़की की शादी शादी 6000 रुपये के लिए माता पिता ने 32 साल के युवक से करदी। युवक देहरादून का रहने वाला है। इस मामले से पूरे उत्तराखंड में हलचल मच गई है। लेकिन हम सलाम करते हैं उस शिक्षक को जिसमे बच्ची के मुद्दे को उसकी पीड़ा को न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरी दुनिया को बताया। सोशल मीडिया के जरिए शिक्षक ने बेटी के लिए न्याय मांगा और अब मामला महिला आयोग से लेकर बाल सरंक्षण आयोग और सीएम तक जा पहुंचा है। सीएम ने पुलिस से सीधे कार्रवाई करने को कहा है। बता दें कि पहाड़ों में नाबालिगों की तस्करी मामले से हड़कंप मचा हुआ है। हम सलाम करते हैं ऐसे शिक्षक को जो ना सिर्फ बच्चों को सही मार्ग दिखा रहा है बल्कि अपनी छात्रा की पीड़ा के लिए आवाज उठाई। शिक्षक ने ना केवल उस बच्ची की बल्कि कइयों को ये संदेश दिया कि ऐसा कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा। शिक्षक ने ऐसे लोगों को संदेश दिया की अगर आपके आस पास भी ऐसा हो रहा हो तो आवाज जरुर उठाएं।

ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि मंगलवार को चमोली जिले में पोखरी क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग(13) की शादी देहरादून निवासी एक 32 साल के युवक से कराने का मामला सामने आया। कहा गया कि 6000 रुपये की लालच में माता पिता ने अपनी बेटी की शादी 32 साल के युवक से कर दी। शिक्षक का वीडियो वायरल होने पर जिला बाल विकास कल्याण समिति ने गांव जाकर किशोरी और उसके पिता के बयान दर्ज किए थे। राजस्व उपनिरीक्षक भी गांव पहुंचे थे और बयान लिए थे। शादी 18 जनवरी को की गई थी। नाबालिग के साथ ससुराल में मारपीट हो रही है। एक दिन 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली किशोरी जब परीक्षा देने स्कूल आई तो उसने आपबीती अपने शिक्षक को बताई।

शिक्षक उपेंद्र सती ने छात्रा को ढूंढा, पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाने का भरोसा दिया

दरअसल कोरोना काल में स्कूल बंद हो गए थे जिसके बाद 8वीं सेलेकर 12वीं तक के स्कूल खुले। लेकिन नाबालिग स्कूल नहीं आई।जिसके बाद शिक्षक उपेंद्र सती ने छात्रा को ढूंढना शुरू किया। इस दौरान पता चला कि पिता ने कुछ रुपयों के लालच में एक 32 वर्षीय युवक से छात्रा की शादी करा दी है। युवक देहरादून में रहता है। ये भी पता चला कि शादी के कुछ ही दिन बाद युवक ने बच्ची की पिटाई शुरू कर दी। शिक्षक ने जब छात्रा की तलाश शुरू की तो वो अपने मायके में मिली। उसने पढ़ाई जारी रखने से भी इनकार कर दिया था। शिक्षक ने छात्रा की पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाने का भरोसा दिया, तब कहीं जाकर डरी-सहमी बालिका बड़ी मुश्किल से तैयार हुई।

इस मामले में शिक्षक उपेंद्र सती ने एक वीडियो संदेश भी जारी किया है। शिक्षक ने उसको न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जो की आग की तरह फैल गई। महिला आयोग ने मामले का संज्ञान लिया और साथ ही बाल सरंक्षण आयोग ने भी। महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने चमोली के डीएम को पत्र भेजकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है। वहीं मामला सीएम तक पहुंचा तो सीएम ने भी सख्त रुप अपनाया है।

बता दें कि सीएम तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को प्रदेश में मानव तस्करी के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए एक पुख्ता कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि चमोली में नाबालिग की शादी और उत्पीड़न के मामले को बेहद गंभीर मानते हुए निर्देश दिए महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों पर सख्त से सख्त कार्रवाई जाए।आपको बता दें कि बीते दिन बुधवार को सीएम तीरथ सिंह रावत ने बीजापुर में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में सीएम ने मानव तस्करी के मामलों की लगातार निगरानी के लिए फुल टाइम अपर सचिव स्तर के अधिकारी की तैनाती करने के भी निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि साइबर अपराध और बच्चों व महिलाओं से संबंधित अपराधों के मामलों को कार्रवाई के लिए सीधे रेगुलर पुलिस को सौंपें। फास्ट ट्रैक मोड में कार्रवाई सुनिश्चित हो। सीएम ने कहा कि सिर्फ मामला ही दर्ज नहीं करना है बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अपराधी को सख्त से सख्त सजा मिले। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव नितेश झा, अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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