उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था परखने पहुंचे केंद्रीय शिक्षा सचिव,कई स्कूलों, डायट के साथ विद्या समीक्षा केंद्र का भी निरीक्षण,बारीकी से लिया फीड बैक

देहरादून। केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार द्वारा राज्य की शिक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए राज्य का एक दिवसीय
भ्रमण किया गया। राज्य की शिक्षा व्यवस्था की जानकारी के लिए राज्य में आने पर रंजना राजगुरू, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा  बंशीधर तिवारी, अपर सचिव सूचना एवं महानिदेशक
विद्यालयी शिक्षा / राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड तथा डॉ० मुकुल कुमार सती अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा द्वारा उनकी आगवानी एवं स्वागत किया गया तथा भ्रमण अवधि में उनके साथ बने रहे। राज्य भ्रमण के प्रारम्भ में उनके द्वारा राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय लच्छीवाला एवंराजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लच्छीवाला, विकासखण्ड डोईवाला, देहरादून का भ्रमण किया गया ।
इस अवधि में उनके द्वारा तथा कक्षा शिक्षण के अवलोकन के साथ ही शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापिका के साथ चर्चा की गयी । प्राथमिक विद्यालय में उनके द्वारा कक्षा – 2 में गणित शिक्षण का अवलोकन किया गया तथा कक्षा-कक्ष में बच्चे स्वयं गणित किट के माध्यम से शिक्षण अधिगम में प्रतिभाग कर रहे थे
जबकि शिक्षिका सुगमकर्ता की भूमिका में थी । उनके द्वारा इस व्यवस्था की सराहना की गयी।

 

 

इसी प्रकार उनके द्वारा कक्षा 3 में सामाजिक विषय से सम्बन्धित शिक्षण का अवलोकन किया गया, जिसमें
शिक्षिका भी सुगमकर्ता की भूमिका में थी जबकि बच्चों के दो समूह बनाये गये थे जो परस्पर शिक्षण अधिगम में प्रतिभाग कर रहे थे। शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में रूचि लेते हुये सचिव, भारत सरकार स्वयं बच्चों के एक समूह में बैठकर स्वयं अधिगम प्रक्रिया में सम्मिलित हुये तथा उनके द्वारा शिक्षिका की प्रशंसा की गयी । कक्षा शिक्षण का अवलोकन किये जाने के बाद उनके द्वारा विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रीना डोभाल से विद्यालय की व्यवस्थाओं से सम्बन्धित जानकारी ली गयी,
जिसमें बच्चों के गणवेश तथा विद्या समीक्षा केन्द्र से छात्रों तथा अध्यापकों की उपस्थिति अंकित किये जाने सम्बन्धी जानकारी भी सम्मिलित है । प्रधानाध्यापिका द्वारा अवगत कराया गया कि बच्चों को गणवेश से सम्बन्धित धनराशि डी. बी. टी. के माध्यम से उनके खाते में अंतरित की जाती है तथा
गणवेष में एकरूपता रहे इसके लिए विद्यालय प्रबन्धन समिति एवं अभिभावकों के साथ संयुक्त बैठक कर गणवेश हेतु विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाता है तथा अभिभावकों के द्वारा इसमें पूर्ण सहयोग दिया जाता है । विद्यालय से विद्या समीक्षा केन्द्र पर रियल टाइम उपस्थिति अंकित किये
जाने के विषय में प्रधानाध्यापिका द्वारा जानकारी दी गयी कि विद्यालय स्तर से नियमित रूप में मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जा रही है तथा इसके लिए निर्धारित एप (Swift Chat) भी संचालित कर सचिव, भारत सरकार को दिखाया गया। सचिव, भारत सरकार द्वारा
विद्यालय की छात्र संख्या एवं छात्र संख्या बढ़ाये जाने हेतु किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी ली गयी। इस संदर्भ में अवगत कराया गया कि विद्यालय की छात्र संख्या में विगत वर्ष की छात्र संख्या से आंशिक वृद्धि हुई है तथा वर्तमान में विद्यालय की कुल छात्र संख्या 60 है। विद्यालय स्तर पर लक्ष्य रखा गया है कि माह मई 2024 तक छात्र संख्या 75 तक की जायेगी तथा शैक्षिक सत्र 2025–26 के प्रारम्भ में 100 से अधिक छात्र नामांकन का लक्ष्य पूर्ण कर लिया जायेगा। यह पूछे
जाने पर की छात्र आयेंगे कहां से तो इसके उत्तर में प्रधानाध्यापिका द्वारा जानकारी दी गयी कि छात्रों का चिह्नांकन किया गया है तथा अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है। बच्चों के विद्यालय तक पहुंचने तथा नामांकन में सबसे बड़ी कठिनाई बच्चों के आने जाने हेतु परिवहन सुविधा न होना
है। सचिव, भारत सरकार द्वारा महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा एवं अपर सचिव को इसका संज्ञान लिये जाने हेतु कहा गया। प्राथमिक विद्यालय के बाद सचिव, भारत सरकार द्वारा उसी परिसर में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण एवं शिक्षणेत्तर गतिविधियों का निरीक्षण किया गया तथा आवश्यक सुधारात्मक सुझाव दिये गये। उनके द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को भी
नामांकन बढ़ाये जाने हेतु प्रयास किये जाने के निर्देश दिये गये। प्राथमिक विद्यालय लच्छीवाला के शिक्षण अधिगम एवं विद्यालय की व्यवस्था की सरहाना करते हुये उनके द्वारा कहा गया कि मैं चाहता हूं कि उत्तराखण्ड के सभी विद्यालय कम से कम इस प्रकार तैयार किये जायें।

विद्यालय भ्रमण के बाद उनके द्वारा राज्य के विद्या समीक्षा केन्द्र का निरीक्षण किया गया। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, श्री बंशीधर तिवारी द्वारा विद्या समीक्षा केन्द्र की जानकारी देते हुये
अवगत कराया गया कि राज्य के विद्या समीक्षा केन्द्र में वर्तमान में छात्र रजिस्ट्री, अध्यापक रजिस्ट्री, विद्यालय रजिस्ट्री, रियल टाइम उपस्थिति, एफ.ए.क्यू., आंकलन आदि को सम्मिलित किया गया है। तथा द्वितीय चरण में ऑनलाइन स्थानान्तरण, विद्यालय एम.आई.एस., ए.आई. आधारित उपस्थिति, पी.
एम. पोषण आदि को सम्मिलित किया जाना है। राज्य का विद्या समीक्षा केन्द्र मुख्यतः 6A Framework of
VSK (Attendance, Assessment, Adaptive Learning, Administration, Accreditation, Artificial Intelligence) पर आधारित
है । विद्या समीक्षा केन्द्र के तकनीकी पहलूओं की जानकारी श्री शषांक, कन्वीजिनीयस द्वारा दी गयी । इस अवधि में सचिव, भारत सरकार द्वारा निर्देश दिये गये कि निजी विद्यालयों से सम्बन्धित आंकड़ों को भी विद्या समीक्षा केन्द्र से जोड़ा जाये । उनके द्वारा सुझाव दिया गया कि विद्या समीक्षा केन्द्र के
माध्यम से प्राप्त आंकड़ों का सघन विश्लेषण किया जाये तथा कमजोर पक्ष को देखा जाये तथा उसके कारण पता करते हुये निराकरण किया जाये। उनके द्वारा विद्या समीक्षा केन्द्र से सम्बन्धित आंकड़ों के निचले स्तर पर देखे जाने के लिये जनपद एवं विकासखण्ड को यूजर आई. डी. की सुविधा प्रदान किये जाने का भी सुझाव दिया गया। राज्य के विद्या समीक्षा केन्द्र को राष्ट्रीय विद्या समीक्षा केन्द्र से जोड़े जाने की प्रगति की भी जानकारी एन.सी.ई.आर.टी. के प्रतिनिधि से ली गयी ।
इस सम्बन्ध में प्रो. अमरेन्द्र प्रसाद बेहेरा, संयुक्त निदेशक द्वारा जानकारी दी गयी कि प्रथम चरण में चार राज्य पायलट के रूप में चयनित किये गये हैं, जिसमें उत्तराखण्ड भी सम्मिलित है तथा उत्तराखण्ड के विद्या समीक्षा केन्द्र को राष्ट्रीय विद्या समीक्षा केन्द्र से जोड़ दिया गया है तथा अल्प
समय में शेष प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी । उक्त के अतिरिक्त उनके द्वारा पी.एम. केन्द्रीय विद्यालय आई. एम. ए. देहरादून का भी भ्रमण किया गया। उनके द्वारा बच्चों के विभिन्न कार्यक्रमों को देखा गया साथ ही कक्षा शिक्षण कार्य
का भी निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा विद्यालय के शिक्षकों, प्रधानाचार्य एवं बच्चों को संबोधित करते हुये आह्वाहन किया गया कि केन्द्रीय विद्यालय हमारे देश में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए एक ब्राण्ड है जिसकी विश्वसनीयता को बनाये रखाना हमारा दायित्व है । भ्रमण के अन्त में उनके द्वारा
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण अवधि में उनके द्वारा बालवाटिका, निपुण भारत के अन्तर्गत एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा विकसित जादुई पिटारा आदि की जानकारी ली गयी। इस अवसर पर एस. सी. ई. आर. टी. द्वारा विकसित एवं प्रकाशित विभिन्न
शोध अध्ययन, प्रशिक्षण मॉड्यूल आदि भी प्रस्तुत किये गये ।
भ्रमण के दौरान उनके साथ केसांग वाई सेरपा, सदस्य सचिव, एन.सी.टी.ई., डॉ० अमरेन्द्र पी. बेहरा, विभागाध्यक्ष, आई.सी.टी. एवं ट्रेनिंग सी. आई.ई.टी. एवं सचिव, विद्यालयी शिक्षा, रविनाथ रामन, बन्दना गर्व्याल, निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, आर०के० उनियाल, निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा, महावीर सिंह बिष्ट, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, हेमेन्द्र गंगवार, वित्त नियंत्रक विद्यालयी शिक्षा, राकेश जुगरान, प्राचार्य डायट, देहरादून, कंचन देवराड़ी, संयुक्त
निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. पल्लवी नैन, अजीत भण्डारी एवं मदन मोहन जोशी उप राज्य परियोजना निदेशक मुकेश चन्द्र कुमेड़ी, समन्वयक, हिमांशु रावत, समग्र शिक्षा
उत्तराखण्ड, आदि उपस्थित रहे।

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