उत्तराखंड : नए आपदा सचिव से आपदा विभाग में हुए घोटालों और पुनर्नियुक्ति की भाजपा नेता ने की शिकायत, कार्रवाई का मिला आश्वासन,बड़ा सवाल क्या होगा एक्शन

देहरादून । भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्य आन्दोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने नए आपदा प्रबंधन सचिव शैलेश बगोली से मिलकर आपदा प्रबंधन विभाग में हुये भर्ती घोटाले, 31 कार्मिकों के विलय घोटाले और एक सेवानिवृत संविदा कार्मिक डा.के.एन. पान्डे की नियम विरूध की गयी पुनरनियुक्ति की शिकायत की। जुगरान ने बताया कि शैलेश बगोली अभी कुछ दिन पहले ही आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव नियुक्त हुये हैं इसलिये उन्हे आपदा प्रबंधन विभाग में हुये अब तक के भर्ती घोटाले, कार्मिकों के विलय घोटाले और चहेते सेवा निवृत कार्मिक की नियम विरूध 1,38,000 (एक लाख अड़तीस हजार) रुपय प्रतिमाह वेतन में की गयी पुनरनियुक्ति घोटाले की जानकारी नहीं है। जुगरान ने सचिव आपदा प्रबंधन को बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग के कुछ अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय से आये जांच के निर्देश की जानबूझकर अवहेलना कर रहे हैं और जांच को दबा कर ठन्ड़े बस्ते में डालने का प्रयास कर रहे हैं। जुगरान ने सचिव आपदा प्रबंधन को विभाग में हुये अब तक के निम्न घोटालों से अवगत करवाया।

इन घोटलों की रविंद्र जुगरान ने की शिकायत

आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में विलय के समय आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने विभागीय मंत्री जो कि स्वयं मुख्यमंत्री हैं और मा.मंत्रिमंडल को गुमराह किया और कैबिनेट के पूर्व के निर्णय और शासी निकाय के निर्णय के विरूध जाकर कुछ चुनींदा कार्मिकों का विलय करवाया, और बाकी संविदा कार्मिकों की सेवा षड्यंत्र करके समाप्त करवायी है।

31 कामीकों के सेवा समाप्त किए जाने की भी।शिकायत

31 कार्मिकों का USDMA में विलय किया गया उन सभी के अनुबंध कई वर्ष पहले समाप्त हो चुके हैं लेकिन फिर भी उन्हे विलय प्रक्रिया में शामिल करके पद के सापेक्ष विलय किया गया। बाकी कार्मिकों को अनुबंध ना होने का हवाला देकर उनकी सेवायें समाप्त करवा दी गयी। जुगरान ने आरोप लगाया कि इस विलय प्रक्रिया में कार्मिकों के मध्य नियम विरूध दोहरे मानदंड अपनाये गये हैं।

के एन पांडेय की पुनर्नियुक्ति की भी शिकायत

आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने सेवानिवृत संविदा कार्मिक डा. के. एन. पान्डे को नियम विरूध 1,38,000 (एक लाख अड़तीस हजार) रुपय प्रतिमाह वेतन पर पुनर्नियूक्ती की है, इस पुनर्नियूक्ती में 27 अप्रैल 2018 के शासनादेश का उलन्घन किया गया है। जुगरान ने बताया कि उक्त संविदा कार्मिक को सेवानिवृती से पहले भी 1,38,000 (एक लाख अड़तीस हजार) रुपय प्रतिमाह वेतन ही दिया जा रहा था।

पीएमओ की निर्देश की भी अवहेलना

जुगरान ने सचिव आपदा प्रबंधन को बताया कि वे इस प्रकरण की शिकायत माननीय प्रधानमंत्री, मा. मुख्यमंत्री और उत्तराखंड शासन को 04 बार अलग अलग पत्रों के माध्यम से कर चुके हैं। चार माह पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से उत्तराखंड शासन को जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये थे लेकिन चार माह से आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी PMO की जांच को दबाये बैठे हैं। यह PMO के आदेश की अवहेलना है।

आपदा सचिव ने दिया कार्रवाई का भरोषा

रविंद्र जुगरान का कहना है कि आपदा सचिव ने सभी प्रकरणों का संज्ञान लेकर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि आखिरकार जिन घोटालों और विभाग में हुई पुनर नीति का संज्ञान लंबे समय से शिकायतों के बावजूद भी नहीं दिया गया क्या उस वास्तव में शैलेश बगोली उन शिकायतों का संज्ञान लेकर कार्रवाई करते हैं या नहीं।

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